विद्यालय, अर्थात वो स्थान जहां देश का भविष्य आकार लेता है। जहां हमारी भावी पीढ़ियां अर्थात् हमारे बच्चों के बेहतर भविष्य की नींव रखी जाती है। विद्यालय बच्चों के व्यक्तित्व के निर्माण का सबसे महत्वपूर्ण केन्द्र होते है ऐसे में सरकारी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं और अवस्थापनात्मक स्थितियों का बेहतर होना अति आवश्यक है।
जून 2018 में माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने भारत के सबसे बड़े अन्तर्विभागीय कनवर्जन्स प्रोग्राम में से एक ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ की शुरूआत की थी। इसके अन्तर्गत केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा विभिन्न मदों जैसे समग्र शिक्षा अभियान, ग्राम पंचायत निधि, ज़िला खनिज निधि, नगरीय क्षेत्र की विभिन्न निधियां, जल जीवन मिशन, मनरेगा इत्यादि में विशेष रूप से धनराशि उपलब्ध कराई गयी है जिसमें अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित कर प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों की मूलभूत अवस्थापनात्मक सुविधाओं को कायाकल्पित किया जा रहा है। ‘ऑपरेशन कायाकल्प‘ को शुरू हुए अभी लगभग तीन वर्ष हैं हुए हैं मगर इस अल्प अवधि में ही प्रदेश के प्रत्येक विद्यालय में चरण बद्ध रूप से कायाकल्प का कार्य प्रारम्भ हो चुका है । प्रत्येक जनपद में बड़े पैमाने पर स्कूलों का कायाकल्प किया जा चुका है।
कायाकल्प के कार्यों की प्रमाणिकता एवं पारदर्शिता के लिए प्रत्येक विद्यालय की फोटो प्रोटोकॉल के तहत जीओ टैगिंग करवाई जा रही है। प्रेरणा पोर्टल के माध्यम से निरंतर इन कार्यों के सन्तृप्तिकरण का रियल टाइम अनुश्रवण भी किया जा रहा है। परिणाम स्वरूप ऑपरेशन कायाकल्प सैंकड़ों किलोमीटर दूर स्थित गांव और कस्बों के विद्यालयों को नयास्वरूप प्रदान कर चुका है। प्रदेश के सैकड़ों विद्यालयों में अब ज़बरदस्त परिवर्तन हो चुका है। इन विद्यालयों में गेट, चारदीवारी, फर्श पर टाइल्स, खेलने के लिए पार्क और लाइब्रेरी के साथ डिजिटल क्लास रूम्स, बालक और बालिकाओं के लिए अलग अलग शौचालय, पीने के पानी और हाथ धोने के लिए हैण्डवॉश सिस्टम, क्लास रूम में बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर की सुविधा मिलने के बाद यहां पढ़ने वाले बच्चों के चेहरों की मुस्कान और खुशियां कायाकल्प की सफलता दर्शाते है। प्रधानाध्यापक, शिक्षक और एसएमसी के सदस्यों की सक्रियता ने इन विद्यालयों को प्रदेश के सबसे सुन्दर विद्यालयों की श्रेणी में परिवर्तित कर दिया और ये विद्यालय गांव के लोगों के लिए आर्दश का केन्द्र बन चुके हैं।
19 आधारभूत सुविधाओं में सुधार कर बड़े पैमाने पर प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों को 5 स्टार श्रेणी युक्त बनाकर इन्हे आदर्श विद्यालय एवं ग्राम सभा के सबसे आदर्श भवन के रूप में विकसित किया जा चुका है। इस क्रम में दिव्यांग सुलभता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। कोविड महामारी से बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के समस्त विद्यालयों में हैण्डवाशिंग यूनिट निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
विद्यालयों में बाल मैत्रिक एवं दिव्यांग सुलभ अभिगम्यता के अनुरूप अवस्थापना सुविधाओं के विकास एवं निर्माण हेतु यूनिसेफ के सहयोग से बनाये गये टेक्निकल मैन्युअल ने राज मिस्त्रियों, अध्यापकों, ग्राम प्रधानों इत्यादि के तकनीकी एवं व्यवहारिक प्रशिक्षण और क्षमता संवर्द्धन में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं।
इस प्रकार प्रदेश में विभिन्न जनपदों के ज़िलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारियों, बेसिक शिक्षा विभाग, पंचायतीराज विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, नगर विकास विभाग इत्यादि के अधिकारियों, ग्राम प्रधानों और शिक्षकों के अमूल्य सहयोग से अब न केवल ग्रामीण अंचल के विद्यालयों को आर्दश विद्यालय के रूप में स्थापित किया जा रहा है बल्कि शहरी क्षेत्र के विद्यालयों का भी कलेवर बदला जा रहा है। ऑपरेशन कायाकल्प शिक्षा के क्षेत्र में किये जा रहे एक ऐतिहासिक बदलाव का प्रतीक है। इसके ज़रिये अगस्त, 2022 तक प्रदेश के सभी सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को इसी प्रकार आर्दश विद्यालय के रूप में परिवर्तित करने का लक्ष्य है। कायाकल्प के बाद इन विद्यालयों छात्रों की संख्या में भी रिकार्ड वृद्धि हुई है, साथ ही इन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के चेहरों पर खुशियों की रौशनी भी बढ़ी है। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ रहे 1.66 करोड़ बालक-बालिकाओं एवं उनके अभिभावकों को ऑपरेशन कायाकल्प से हुये बदलाव एवं वर्तमान शिक्षा नीतियों के प्रति विश्वास हो चला है कि उनके सपने अवश्य ही साकार होंगे।