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    बालिका शिक्षा (जेण्डर इक्विटी)

    बालिकाओं की शिक्षा, जागरूकता एवं सशक्तिकरण के लिए कटिबद्धता को सुनिश्चित करने हेतु व्यापक पहल की जा रही है।

    जेण्डर इक्विटी के अन्तर्गत प्रमुख गतिविधियां निम्नवत हैं :-

    • 24220 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में रानी लक्ष्मी बाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन गतिमान है।
    • यूनिसेफ तथा निमहान्स के सहयोग से 20500 शिक्षक/शिक्षिकाओं का जेण्डर संवेदीकरण प्रशिक्षण का आयोजन।
    • आत्मरक्षा प्रशिक्षण के अन्तर्गत मॉड्यूल का निर्माण
    • यूनिसेफ के सहयोग से 150 मास्टर ट्रेनर्स का जीवन कौशल शिक्षा पर आधारित कार्यशाला का आयोजन।
    • निमहान्स बंगलौर के सहयोग से स्पेशल फोकस जनपदों के 50 एस.आर.जी. की बाल अधिकार, तनाव प्रबन्धन आदि मुद्दों पर 25 दिवसीय कार्यशाला गतिमान है।
    • निमहान्स बंगलौर के सहयोग से स्पेशल फोकस जनपदों के समस्त जनपदों से 100 शिक्षकों की बाल अधिकार, तनाव प्रबन्धन आदि मुद्दों पर 25 दिवसीय कार्यशाला गतिमान है।
    • 63712 विद्यालयों में बालिकाओं के अधिकारों पर आधारित रैली, नुक्कड़ नाटक आदि के माध्यम से प्रचार-प्रसार
    • 177468 बच्चों ने ग्लोबल हैण्डवाश डे कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
    • 133639 विद्यालयों में खेलकूद में ख्याति प्राप्त महिलाओं के बारे में परिचर्चा तथा खेलकूद गतिविधियों का आयोजन कराया गया।
    • 45633 बालिकाओं ने एक दिन की नायिका कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद ब्लाक एवं विद्यालय स्तरीय प्रमुख भूमिकाओं का निर्वहन किया।
    • 203621 बालिकाओं को जागरूकता कार्यक्रम में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए सम्मानित किया गया।
    • 397329 बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
    • 1.33 लाख विद्यालयों में मीना मंच / बाल संसद का गठन।
    • माहवारी स्वछता प्रबंधन के "अंतर्गत पहेली की सहेली" फिल्म के माध्यम से जन जागरूकता।

    कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयः परिचय

    वर्ष 2004-05 में प्रदेश के शैक्षिक रूप से पिछड़े विकासखण्डों में अपवंचित वर्ग की बालिकाओं/ स्कूल से बाहर (out of school)/कभी नामांकित नहीं (never enrolled) बालिकाओं को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने हेतु 746 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों की स्थापना की गयी।

    इन विद्यालयों में अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़े वर्ग की कुल 75 प्रतिशत एवं गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की बालिकाओं को 25 प्रतिशत की सीमा तक प्रवेश दिये जाने की व्यवस्था है।

    संचालन

    • 1-जिला परियोजना कार्यालय द्वारा संचालित - 730
    • 2-एन.जी.ओ.- 16

    नामांकन-

    के.जी.बी.वी. में 79600 के सापेक्ष 78552 छात्रायें नांमांकित हैं।

    शासनादेश संख्या-1004/68-5-2019, बेसिक शिक्षा अनुभाग-5, दिनांक 27.11.2019 द्वारा अल्पसंख्यक वर्ग की पात्र बालिकाएं उपलब्ध न होने पर एस.सी., एस.टी. तथा ओ.बी.सी. संवर्ग की बालिकाएं हेतु निर्धारित 75 प्रतिशत सीमा तक एवं शेष 25 प्रतिशत सामान्य बी.पी.एल. परिवारों की बालिकाओं से शत प्रतिशत नामांकन की व्यवस्था की गयी।

    कार्मिकों का विवरण:

    क्र.सं. पद का नाम लक्ष्य पद रिक्त
    1 प्रबंधक 746 533 213
    2 पूर्णकालिक शिक्षक 3028 2216 812
    3 अंशकालिक शिक्षक 2238 1590 648
    4 उर्दू शिक्षक 351 232 119
    5 लेखाकार 746 653 93
    6 मुख्य रसोइया 746 714 32
    7 सहायक रसोइया 1592 1380 212
    8 चपरासी 802 723 79
    9 चौकीदार 802 715 87
    कुल 11051 8756 2295

    जनपद स्तर पर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों के संचालन हेतु जनपदीय संचालन समिति-

    नाम पद का नाम
    जिलाधिकारी अध्यक्ष
    मुख्य विकास अधिकारी उपाध्यक्ष
    प्राचार्य, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान -
    बेसिक शिक्षा अधिकारी सदस्य सचिव
    जिला कार्यक्रम अधिकारी -
    प्राचार्य, राजकीय बालिका इण्टर कालेज -
    जिला समन्वयक बालिका शिक्षा -
    राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त अध्यापक (महिला को प्राथमिकता) -
    जिलाधिकारी द्वारा नामित -
    जिलाधिकारी द्वारा नामित दो स्वयं सेवी संस्थायें -

    कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों का उच्चीकरण

    वर्ष एकेडमिक ब्लाक बालिका छात्रावास एकेडमिक ब्लाक + बालिका छात्रावास आर.एम.एस.ए. योग
    2019-20 02 187 95 54 338
    2020-21 - - - 05 05
    2021-22 18 32 13 37 100
    योग 434

    वर्ष 2022-23 में 08 एकेडमिक ब्लाक, बालिका छात्रावास-12 एवं एकेडमिक ब्लाक + बालिका छात्रावास-09, कुल 29 केजीबीवी उच्चीकरण हेतु प्रस्तावित हैं । प्रस्तावित भवनों की दरें निम्नवत् हैंः-

    • एकेडमिक ब्लाक इकाई लागत - रू. 236.83 लाख
    • बालिका छात्रावास इकाई लागत - रू. 287.07 लाख
    • एकेडमिक ब्लाक + बालिका छात्रावास इकाई लागत - रू. 523.90 लाख

    बालिकाओं की सुरक्षा-संरक्षा-

    शासनादेश संख्या-1023/68-5-2019 दिनांक 03.12.2019 द्वारा सभी विद्यालयों में 2-2 महिला होमगार्ड या पी.आर.डी. कर्मी नियुक्त करने की कार्यवाही जनपद द्वारा की गयी है।

    बाउण्ड्रीवाल, गार्ड रूम, सी.सी.टी.वी. कैमरा एवं बायोमैट्रिक फेस रीडर की व्यवस्था के साथ चौकीदार की नियुक्ति की गयी है।

    मातृत्व अवकाश-

    शासनादेश संख्या-2071/68-5-2019 दिनांक 30.12.2019 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में कार्यरत महिला शिक्षिकाओं को 6 माह के मातृत्व अवकाश उपभोग की सुविधा प्रदान की गयी।

    निरीक्षण व्यवस्था

    शासनादेश संख्या-1023/68-5-2019 दिनांक 03.12.2019 प्रत्येक विद्यालय की मण्डलीय एवं जनपदीय अधिकारियों के माध्यम से सतत निरीक्षण की व्यवस्था-

    प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान संबंधित जनपद जनपद में संचालित प्रत्येक के.जी.बी.वी. का माह में एक बार निरीक्षण
    मण्डलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) संबंधित मण्डल संबंधित मण्डल के प्रत्येक जनपद में न्यूनतम एक के.जी.बी.वी. का प्रतिमाह निरीक्षण
    जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रत्येक माह में न्यूनतम चार संबंधित जनपद के.जी.बी.वी. का निरीक्षण
    जिला समन्वयक (बालिका शिक्षा) प्रत्येक के.जी.बी.वी. का प्रत्येक माह मे दो बार निरीक्षण

    उक्त के अतिरिक्त राज्य परियोजना कार्यालय एवं मध्यान्ह पोषाहार के अधिकारियों की टीम बनाकर जनपदों का निरीक्षण कराया जाता है।

    अवस्थापना सुविधायें-

    सी.सी.टी.वी. कैमरा, इन्सीनरेटर, इनवर्टर, तख़्त, बायोमैट्रिक, पंखा/कूलर, शौचालय व स्नानागार (टाइल्स युक्त), स्थायी विद्युत कनेक्शन, फ्रिज, वाशिंग मशीन, कम्प्यूटर, जनेरटर, बेडिंग, अग्निशमन यंत्र, गार्ड रूम, कक्षा-कक्ष |

    आवासीय सुविधायें

    बलिकाओं के आवास हेतु छात्रावास की व्यवस्था, तख़्त/बेडिंग, पुस्तकालय/गतिविधि कक्ष, रसोई तथा भोजनालय की व्यवस्था, सुरक्षित पेयजल हेतु आर.ओ. की व्यवस्था, छात्रवृत्ति, दैनिक उपयोग की सामग्री यथा-तेल, मंजन, साबुन, शैम्पू, स्लीपर, अन्डर गारमेन्ट्स, सैनेटरी पैड्स इत्यादि, शिक्षण सामग्री-पाठ्य-पुस्तकें, स्टेशनरी एवं स्कूल बैग, यूनीफार्म, स्वेटर, जूता-मोजा |

    गुणवत्ता संवर्धन हेतु किये जा रहे नवाचार:

    अंग्रेजी-

    बालिकाओं को अंग्रेजी भाषा सरल तरीके से सिखाने हेतु शिक्षकों के क्षमता संवर्धन के लिए आंग्ल भाषा प्रशिक्षण संस्थान प्रयागराज द्वारा विकसित दीक्षा एप पर उपलब्ध माड्यूल पर 3063 शिक्षक/शिक्षिकाओं द्वारा प्रशिक्षण गतिमान है।

    गणित-

    बालिकाओं को गणित विषय को सरल एवं रोचक तरीके से सिखाने हेतु खान एकेडमी के समन्वय से शिक्षकों के क्षमता संवर्धन के उपरान्त कार्यक्रम संचालित, जिसमें 58000 बालिकायें पंजीकृत हैं तथा 11020 बालिकायें सक्रिय रूप से अभ्यास कार्य कर रही हैं।

    विज्ञान-

    आईआईटी गांधीनगर, गुजरात के सहयोग से प्रत्येक के.जी.बी.वी. में बालिकाओं को विज्ञान विषय को रूचिकर तरीके से सिखाने हेतु माड्यूल, कार्यशालायें एवं बैठकों हेतु कार्ययोजना विषयक एम.ओ.यू. के अनुमोदन की प्रक्रिया गतिमान है।

    बालिकाओं के सशक्तिकरण के लिए किये जा रहे प्रयास:

    • आत्मरक्षा/जूडो कराटे का प्रशिक्षण।
    • गाइड प्रशिक्षण।
    • एलयूमिनाई बैठक।
    • माहवारी स्वच्छता प्रबन्धन।
    • बाल दिवस, मिशन शक्ति एवं अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन
    • व्यावसायिक प्रशिक्षण।
    • खेलकूद कार्यक्रमों का आयोजन।
    • मीना मंच का सुदृढ़ीकरण तथा 24 सितम्बर को मीना डे का आयोजन। (मीना दिवस)
    • बालिकाओं से वार्तालाप तथा उनकी समस्याओं का समाधान।
    • यू-ट्यूब चैनल एवं व्हाट्सएप के माध्यम से फिल्म एवं कहानियों को सुनाकर चर्चा।
    • प्रातः कालीन सभा।
    • प्रत्येक शनिवार को विशेष गतिविधियां।
    • जीवन कौशल शिक्षा कार्यक्रमों का आयोजन।
    • निमहान्स बंगलौर के सहयोग से बाल अधिकार, तनाव प्रबन्धन आदि मुद्दों पर 25 दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन।

    मिशन शक्ति

    • 15 अगस्त को झण्डारोहण एवं शपथ ग्रहण कार्यक्रम में 503629 महिलाओं तथा 479109 पुरूषों की भागीदारी।
    • 10 मीना फिल्मों के माध्यम से 1159033 बालिकाओं तथा अभिभावकों के साथ कुरीतियों, बाल अधिकारों एवं कानूनी जागरूकता पर चर्चा।
    • मीना की दुनिया 22 आडियो कहानियों पर चर्चा में 1339864 बच्चों ने प्रतिभाग किया।
    • 514724 अभिभावकों के साथ बालिका के शिक्षा के मुद्दों पर चर्चा।

    कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना

    भारत सरकार द्वारा वर्ष 2004-05 में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना प्रारम्भ की गयी। इस योजना का उद्देश्य शैक्षिक रूप से पिछड़े विकास खण्डों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति एवं अल्पसंख्यक समुदाय तथा गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की ऐसी बालिकाएं जो स्कूली शिक्षा पूर्ण किये बिना स्कूल छोड़ (drop out) चुकी हों या कभी भी स्कूल नहीं गयी हों (never enrolled) को आवासीय व्यवस्था के साथ स्कूली शिक्षा (कक्षा 6 से 8 तक) उपलब्ध कराने हेतु इन विद्यालयों की स्थापना की गयी। इस योजना में भारत सरकार एवं राज्य सरकार की वित्तीय भागीदारी 60:40 के अनुपात में है।

    भारत सरकार द्वारा 434 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के कक्षा 9 से 12 तक उच्चीकरण हेतु अनुमोदन प्रदान किया गया, जिसके सापेक्ष 56 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में छात्राओं को आवासीय सुविधा प्रदान करते हुए कक्षा 9 से 12 तक उच्चीकरण किया जा चुका है।

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