दीक्षा, स्कूली शिक्षा के लिए डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर
दीक्षा (नॉलेज शेयरिंग के लिए डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर), स्कूली शिक्षा के लिए एक राष्ट्रीय मंच है, जो शिक्षा मंत्रालय की राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद (एन.सी.ई.आर.टी.) की एक पहल है| दीक्षा स्वतंत्र वास्तुकला के मूल सिद्धांतों के आधार पर विकसित किया गया था, आसान पहुंच, स्वतंत्र लाइसेंस विविधता, राष्ट्रीय शिक्षक मंच के लिए रणनीति और दृष्टिकोण पत्र में उल्लिखित विकल्प और स्वायत्तता, मई 2017 में शुरू किया गया| दीक्षा को खुद भारत के माननीय उपराष्ट्रपति जी द्वारा 5 सितम्बर, 2017 को शुरू किया गया था और तब से इसे 35 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में अपनाया गया है, और साथ ही साथ, सी.बी.एस.ई. और एन.सी.ई.आर.टी. सहित करोड़ों शिक्षार्थियों और शिक्षकों द्वारा भी अपनाया गया है।
दीक्षा ओपन सोर्स टेक्नोलॉजी पर बनाया गया है, जिसे भारत में और भारत के लिए बनाया गया है| दीक्षा को एमआईटी लाइसेंस प्राप्त ओपन सोर्स तकनीक का उपयोग करके बनाया गया है जिसे सनबर्ड कहा जाता है जो सीखने के लिए एक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर है| इसे कई भाषाओं और समाधानों का समर्थन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है और मंच तथा समाधानों के विकास के लिए निर्माण खंडो के रूप में 100 से अधिक सूक्ष्म सेवाओं की पेशकश करता है।
दीक्षा, जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उपयोग के लिए उपलब्ध है। प्रत्येक राज्य /केंद्र शासित प्रदेश अपने तरीके से दीक्षा मंच का लाभ उठाते हैं, क्योंकि इसके पास अपने शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए कार्यक्रमों को बनाने और उन्हें चलाने के लिए मंच की विभिन्न क्षमताओं और समाधानों का उपयोग करने की स्वतंत्रता और विकल्प है। दीक्षा नीतियां और उपकरण शिक्षा इकोसिस्टम (शिक्षाविद्, विशेषज्ञ, संगठन, संस्थाएं - सरकार, स्वायत्त संस्थानों, गैर-सरकारी और निजी संगठनों) के लिए संभव बनाते हैं कि वे देश के लिए बड़े पैमाने पर सीखने के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक साझा मंच पर भाग लें, योगदान दें और लाभ उठायें।
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